...

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जीवन अबुझ पहेली

आती नहीं समझ में जीवन अबुझ पहेली
तब्दील खंडहर में जैसे कोई हवेली

छाया यहाँ उजाला के साथ चल रहा है
ये ज़िन्दगी हमारी सुख दुख की है सहेली

आती न पास मेरे जाती न दूर मुझसे
शर्माती छुप...