...

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गज़ल
ज़हीन हो तो मेरी उलझने सुलझा दो
ज़िन्दगी जीने का सलीका सीखा दो |

नाराज़ हो मुझसे मेरी ख़ता तो बता दो,
अपनी खामोशियों से यूँ ना सज़ा दो |

खटकता हैँ मेरा...