मोहब्बत
खुद को इश्क की गली में ला कर तो देखो,
खुद पर हमारे इश्क का रंग चढ़ा कर तो देखो,
तुम्हें भी हमसे मोहब्बत हो जाएगी जाना,
इक बार हमसे नजरें मिला कर तो देखो।
आंखो से शर्म का पर्दा हटा कर तो देखो,
हमको अपनी धड़कन बना कर तो देखो,
तुम्हें भी हमसे मोहब्बत हो जाएगी जाना,
इक बार ये दिल हमसे लगा कर तो देखो।
हमारी चाहत में खुद को तड़पा कर तो देखो,
आंखों में हमारे सपने सजा कर तो देखो,
तुम्हें भी हमसे मोहब्बत हो जाएगी जाना,
इक बार हमें खयालों में बसा कर तो देखो।
to be continued..
© Manish Rai
खुद पर हमारे इश्क का रंग चढ़ा कर तो देखो,
तुम्हें भी हमसे मोहब्बत हो जाएगी जाना,
इक बार हमसे नजरें मिला कर तो देखो।
आंखो से शर्म का पर्दा हटा कर तो देखो,
हमको अपनी धड़कन बना कर तो देखो,
तुम्हें भी हमसे मोहब्बत हो जाएगी जाना,
इक बार ये दिल हमसे लगा कर तो देखो।
हमारी चाहत में खुद को तड़पा कर तो देखो,
आंखों में हमारे सपने सजा कर तो देखो,
तुम्हें भी हमसे मोहब्बत हो जाएगी जाना,
इक बार हमें खयालों में बसा कर तो देखो।
to be continued..
© Manish Rai