वक्त लगता है
थोड़ा और जोर लगाता रह!
किस्मत के जंग लगे दरवाजे को,
खुलने में वक्त लगता है।
कुछ देर रुकने के बाद,
फिर से चल पड़ना दोस्त,
हर ठोकर के बाद,
संभलने में वक्त लगता है।
बिखरेगी फिर वही चमक,
तेरे वजूद से तू महसूस करना,
टूटे हुए मन को,
संवरने में थोड़ा वक्त लगता है।
जो तूने कहा,
कर दिखायेगा रख यकीन,
गरजे जब बादल,
तो बरसने में वक्त लगता है।
थोड़ा धीरज रख,
किस्मत के जंग लगे दरवाजे को,
खुलने में वक्त लगता है।
किस्मत के जंग लगे दरवाजे को,
खुलने में वक्त लगता है।
कुछ देर रुकने के बाद,
फिर से चल पड़ना दोस्त,
हर ठोकर के बाद,
संभलने में वक्त लगता है।
बिखरेगी फिर वही चमक,
तेरे वजूद से तू महसूस करना,
टूटे हुए मन को,
संवरने में थोड़ा वक्त लगता है।
जो तूने कहा,
कर दिखायेगा रख यकीन,
गरजे जब बादल,
तो बरसने में वक्त लगता है।
थोड़ा धीरज रख,
किस्मत के जंग लगे दरवाजे को,
खुलने में वक्त लगता है।