नागा साधु
नागा साधु वो जो दुनिया से कटे,
जीवन में लगे बस अपने रस्ते पे खड़े,
कहाँ रहते हैं, ना कोई जानता,
कुंभ में आते, अपनी धारा में बहते।
चार डिग्री में जब गंगा का स्नान,
सवेरे चार बजे, ये साधु महान,
कूद जाते पानी में, ना कोई शिकायत,
मन में ध्यान और आत्मा में सुकून पाते।
साधु ये नग्न, पर फिक्र इनको नहीं,
योग का जादू, आसन में दिखे सही,
मूत्रेंद्र से उठाएं ये ईंट की तश्तरी,
गाड़ी भी खींचें,...
जीवन में लगे बस अपने रस्ते पे खड़े,
कहाँ रहते हैं, ना कोई जानता,
कुंभ में आते, अपनी धारा में बहते।
चार डिग्री में जब गंगा का स्नान,
सवेरे चार बजे, ये साधु महान,
कूद जाते पानी में, ना कोई शिकायत,
मन में ध्यान और आत्मा में सुकून पाते।
साधु ये नग्न, पर फिक्र इनको नहीं,
योग का जादू, आसन में दिखे सही,
मूत्रेंद्र से उठाएं ये ईंट की तश्तरी,
गाड़ी भी खींचें,...