दर्द को देख
मेरे चेहरे की मुश्कान के पीछे छिपे दर्द को देख,
देखना है मेरे दिल हुए टुकड़ों को देख,
मैं लिखती हूं हर रोज एक नया किस्सा,
उस किस्से के पीछे छिपे मर्ज को देख,
मैं क्या थी क्या बन गई हूं,
इस...
देखना है मेरे दिल हुए टुकड़ों को देख,
मैं लिखती हूं हर रोज एक नया किस्सा,
उस किस्से के पीछे छिपे मर्ज को देख,
मैं क्या थी क्या बन गई हूं,
इस...