...

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दर्द को देख
मेरे चेहरे की मुश्कान के पीछे छिपे दर्द को देख,
देखना है मेरे दिल हुए टुकड़ों को देख,
मैं लिखती हूं हर रोज एक नया किस्सा,
उस किस्से के पीछे छिपे मर्ज को देख,
मैं क्या थी क्या बन गई हूं,
इस मैं से अनजान बनने के सफर को देख,
मैं लिखूं खुद को तो कुछ हिस्से छिपे रहते है,
अगर देखना है तो उन छिपे हुए हिस्सों को देख,
मेरे चेहरे से मेरे दिल का हाल ना मालूम होगा,
मुझे जानना है तो मेरे दिल में उतर कर देख,
चेहरे की मुस्कान तो सब देखते है,
तू उसके पीछे छिपे दर्द को देख...
© Diary_of_feelings

#feelings #broken #ehsas