...

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ओ !मेरे बचपन की मीत रेll🌸
आशा मेरी तू, तू ही मेरी
खुशियों का है संगीत रे,
आ फिर से जी लें बचपन अपना
ओ ! मेरे बचपन के मीत रे ll

लड़ते-झगडते , रुठते-मनाते
संग एक दूजे के हंसते-हंसाते
क्या फिर से होगा आलम वो?
लड़कर भी थी जिसमें प्रीत रे,
आ फिर से  खेलें वो खेल अपना
ओ!मेरे बचपन के मीत रे ll

जो साथ थे अब उनकी रह गई यादें,
मंजिल की प्यास में रह गई मुरादें,
नई है दुनिया , नया है वक़्त
पर है पुराना वह गुजरा अतीत रे,
आ फिर से देखें वो रस्ता अपना
ओ ! मेरे बचपन के मीत रे ll
,
ना फिक्र थी सुबह शाम की
शरारत से भरे किसी भी अंजाम की,
सब कुछ है बदला हम भी बदले
समय की यही है रीत रे ,
आ फिर से ढूंढे वो वक्त अपना
ओ !मेरे बचपन की मीत रेll

वह जान से प्यारा साथ तेरा
तेरे हाथ में जब था हाथ मेरा,
तेरे लिए मैं कुछ भी करलूं
तुझ में ही है मेरी जीत रे,
आ फिर से  देदे तू हाथ अपना
ओ !मेरे बचपन के मीत रेll
✍🏻 सौम्या तिवारी

© soumya.tiwari