सपने साकार ज़रूर करूंगी
सपने फिरसे पंख लगाए
ऊंचे बादलों को आंखें दिखाए
उमंग फिरसे उड़ने को जो लहराए
हिम्मत बोले “चलो कुछ कर के दिखाए”
आज यहां हूं खोई खोई
कश्मक्षों संग गुमसुम सोई
क्या होगा, कैसे करूंगी, काश! बतादे...
ऊंचे बादलों को आंखें दिखाए
उमंग फिरसे उड़ने को जो लहराए
हिम्मत बोले “चलो कुछ कर के दिखाए”
आज यहां हूं खोई खोई
कश्मक्षों संग गुमसुम सोई
क्या होगा, कैसे करूंगी, काश! बतादे...