जानती हूं में
जानती हूं में की कितनी साहसी हो तुम
दर्द छुपाने में अच्छी खासी हो तुम ..
जानती हूं में की काटो से चुभ रही हो तुम
पर गुलाब सी खिल भी तो रही हो तुम
जानती हूं कभी कभी अकेला सा महसूस करती हो तुम
पर एक बात बोलूं.., अकेली ही सौ के बराबर हो तुम
जानती हूं की गलतियां कुछ तुमसे भी हुई हैं
पर उन गलतियों से सीख कर आगे भी तो बढ़...