#नारी#पहचान
माना नारी के बिना अधुरी है सृष्टि
ऐसी कहां है किसी की दृष्टि
इंसान नारी कि बिना दुनिया में रहना
सोच भी नहीं सकता
पर नारी की दुनिया में कहां ,पहचान है होती।
जब आती है वह इस दुनिया में, तो
उसके पापा कि नाम से जानी जाती
जब होती उसकी शादी तो उसके
पती के नाम से पहचान है...
ऐसी कहां है किसी की दृष्टि
इंसान नारी कि बिना दुनिया में रहना
सोच भी नहीं सकता
पर नारी की दुनिया में कहां ,पहचान है होती।
जब आती है वह इस दुनिया में, तो
उसके पापा कि नाम से जानी जाती
जब होती उसकी शादी तो उसके
पती के नाम से पहचान है...