...

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अपने दिल में बसा लीजिए
अपने दिल में बसा लीजिए।
सारी अदावत भुला दीजिए।

कोई भी दाग मुझ में नहीं है,
अगर है तो दिखा दीजिए।

तुमको कसम ना देंगे कोई,
अब खुद फैसला कीजिए।

वफा मेरी याद आएगी जब,
गीत मेरे जरा गुनगुना लीजिए।

आँखों से टपका वो आँसू हूँ मैं,
नजरों में मुझको छुपा लीजिए।

आईना समझ दिल तोड़ा मेरा,
बिखर जाऊँगा मैं बचा लीजिए।

बेमुरव्वत मेरी वफ़ा को समझ,
क्यूँ किसी से जफ़ा कीजिए।

बंटता जा रहा हूं दामन दामन,
दिया उम्मीदों का जला दीजिए।

एक जलता बुझता शमाँ हूँ मैं,
चाहत को मेरी जवाँ कीजिए।

छोड़ो भी कल किसने देखा है,
जिंदगी का हमेशा मजा लीजिए।

तेरे वादे का ऐतबार है राकेश,
बस अपनी बाँहों में समा लीजिए।
© राकेश कुमार सिंह