ऐ ज़िंदगी मुझे भी मुश्कुराने दे
ऐ ज़िंदगी मुझे भी मुश्कुराने दे,
यूं ना बेवजह गुज़र जाने दे,
एक - एक लम्हा यादगार हो,
इस तरह मुझे बिताने दे।
ऐ ज़िंदगी मुझे भी मुश्कुराने दे।।
क्रोध - पीड़ा मेरे अलंकार नहीं,
क्या खोया इससे सरोकार नहीं,
आने वाले कल को गुनगुनाने दे,
ऐे ज़िंदगी मुझे भी मुश्कुराने दे।।
मासूम है एक जिंदगी साथ मेरे,
जी लेता जब चेहरे पर वो हाथ फेरे,
उसके लिए...
यूं ना बेवजह गुज़र जाने दे,
एक - एक लम्हा यादगार हो,
इस तरह मुझे बिताने दे।
ऐ ज़िंदगी मुझे भी मुश्कुराने दे।।
क्रोध - पीड़ा मेरे अलंकार नहीं,
क्या खोया इससे सरोकार नहीं,
आने वाले कल को गुनगुनाने दे,
ऐे ज़िंदगी मुझे भी मुश्कुराने दे।।
मासूम है एक जिंदगी साथ मेरे,
जी लेता जब चेहरे पर वो हाथ फेरे,
उसके लिए...