""नारी ही भगवान है,,,,
नारी नर की खान है
नर नारी न समान
इनका खूब करो सम्मान।।
तीनों लोकों में भी ऐसी
कोई अब तक चीज नहीं।।
जिसके कारण रामायण
महभारत जैसी चीर हुई।।
जिसके कारण संत महत्मा
घूम रहे पगलान,
इनको मत समझो आसान।।
नारी सृष्ट अधार है
नारी ही भगवान
इनका खूब करो सम्मान।।
वर्ना चली जायेगी शान।।
© All Rights Reserved
नर नारी न समान
इनका खूब करो सम्मान।।
तीनों लोकों में भी ऐसी
कोई अब तक चीज नहीं।।
जिसके कारण रामायण
महभारत जैसी चीर हुई।।
जिसके कारण संत महत्मा
घूम रहे पगलान,
इनको मत समझो आसान।।
नारी सृष्ट अधार है
नारी ही भगवान
इनका खूब करो सम्मान।।
वर्ना चली जायेगी शान।।
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