मुक़द्दर
#WritcoPoemPrompt100
मुक़द्दर तो उसका है।
जो किसी की नफरत मे नही रहे।
मगर उसकी इनायत मे राज करे।
मुक़द्दर तो उसका है।
जिसने दर्द को दर्द दिया।
और इश्क़ से इश्क़ करे।
मुक़द्दर तो उसका है।
जो अपना ख्वाब देखे।
और उसे अपना हकीकत बनाले।
मुक़द्दर तो उसका है।
जिसे भी वह शिद्दत से चाहे।
उसे वह अपना बनाले।
© Tanusri
मुक़द्दर तो उसका है।
जो किसी की नफरत मे नही रहे।
मगर उसकी इनायत मे राज करे।
मुक़द्दर तो उसका है।
जिसने दर्द को दर्द दिया।
और इश्क़ से इश्क़ करे।
मुक़द्दर तो उसका है।
जो अपना ख्वाब देखे।
और उसे अपना हकीकत बनाले।
मुक़द्दर तो उसका है।
जिसे भी वह शिद्दत से चाहे।
उसे वह अपना बनाले।
© Tanusri