...

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वक्त
दर दर ठोकरें खिलाकर
जो चलना सिखादे..
वह है
वक्त।।

अनेकों में जो
अपनों की पहचान बता दे...
वह है
वक्त।।

जो रंक को राजा
और राजा को रंक बना दे...
वह है
वक्त।।

जो दोषी को सज़ा दिला
निर्दोष को रिहाह करा दे
वह है
वक्त।।।

शमशान असली ठिकाना है
जो यह समझा दे
वह है
वक्त।।

पैसों की...