"जीवन का आधार पर्यावरण"
"जीवन का आधार पर्यावरण"
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कितना सुंदर हरा-भरा कुदरत का यह नजारा हैं।
कई पानी के झरने, कई ऊँचे ऊँचे पहाड़
कई शुद्ध हवा का ठहरना,कई रंग बिरंगी फूलों का महकना,
कई नदियों तालाब की सुंदर वादियां कई वृक्ष की हरियालिया
यही तो हमारा स्वर्ग हैं। यही हमारा पर्यावरण हैं।
बसंत बहार में झाड़ो के पत्तों का झिलमिलाना।
बारिश के बूँद बूँद से खेत मे हरियाली छाना।
सुबह सुबह सुरज की किरणों का दस्तक देना।
पंछियों का आकाश में ऊँची उड़ाने भरना।
यही जीने का आधार हैं। यही हमारा पर्यावरण हैं।
आज इस चकाचौंध की दुनिया पर्यावरण को भूल गई।
शुद्ध हवा की हरियाली न जाने कहा खो गई।
नदियों को गंदा करके उसे अस्वच्छ बना...
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कितना सुंदर हरा-भरा कुदरत का यह नजारा हैं।
कई पानी के झरने, कई ऊँचे ऊँचे पहाड़
कई शुद्ध हवा का ठहरना,कई रंग बिरंगी फूलों का महकना,
कई नदियों तालाब की सुंदर वादियां कई वृक्ष की हरियालिया
यही तो हमारा स्वर्ग हैं। यही हमारा पर्यावरण हैं।
बसंत बहार में झाड़ो के पत्तों का झिलमिलाना।
बारिश के बूँद बूँद से खेत मे हरियाली छाना।
सुबह सुबह सुरज की किरणों का दस्तक देना।
पंछियों का आकाश में ऊँची उड़ाने भरना।
यही जीने का आधार हैं। यही हमारा पर्यावरण हैं।
आज इस चकाचौंध की दुनिया पर्यावरण को भूल गई।
शुद्ध हवा की हरियाली न जाने कहा खो गई।
नदियों को गंदा करके उसे अस्वच्छ बना...