...

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पागल किनारा ।
ख्वाबों से निकल कर
बाहों में तो आओ ना ,
बारिश बन कर प्यार की
मुझ पर बरस जाओ ना ,
कुछ इस कदर आ कर मुझ में समाओ ना
के फिर कभी मुझ से दूर जाओ ना ,
दिल में है मेरे बस नाम तुम्हारा
तुम बिन जीना एक पल ना गवारा ,
तू बेहटा समंदर , मैं पागल किनारा
जैसा भी हु जाना हु बस तुम्हारा ,
जब से तुम से मिला हु
मदहोश मैं रहता हु
चाहत है तेरी ये कहना है ,
तेरी इन आंखों के अंदर
है जैसे इश्क समंदर
लहरों सा इन में ही बहना है ,
तू मिली तो जैसे जीने का मिला सहारा
तुम बिन जीना एक पल ना गवारा ,
तू बेहटा समंदर , मैं पागल किनारा
तुम बिन जीना एक पल ना गवारा ,
तन्हाइयों की बहरे
अक्सर तुझे ही पुकारे
तेरे नाम से चलती धड़कन है ,
ना चैन हैं ना करार है
तेरा जूनून सवार है
ना जाने कैसी ये तड़पन है ,
तूने ही तो जाना मेरा ख्वाब सवार
तुम बिन जीना एक पल ना गवारा ,
तू बेहटा समंदर मैं पागल किनारा
तुम बिन जीना एक पल ना गवारा ।