रूठी रूठी ज़िन्दगी
रूठी रूठी ज़िन्दगी तुझे मनाऊँ कैसे,
तू ही बता ऐ ज़िन्दगी तुझे बहलाऊँ कैसे।
दर्द बे-हिसाब दिया तूने,
तू ही बता इसका हिसाब लगाऊँ कैसे।
अब...
तू ही बता ऐ ज़िन्दगी तुझे बहलाऊँ कैसे।
दर्द बे-हिसाब दिया तूने,
तू ही बता इसका हिसाब लगाऊँ कैसे।
अब...