उत्कल सागर सा चेतन
// #उत्कल_सागर_सा_चेतन //
सागर उत्कल- लहरों सा उत्कर्ष चित्तवन चेतन,
चित्त निरंतर सुंदर सुशील विचार हिलोर स्पंदन;
अविरल कुसुमित- पुलकित सा अतल चितवन,
पंछी की मधुर - मृदुल चहक हूक सी अंतर्मन।
अंबर भोर सुहानी केसरी ...
सागर उत्कल- लहरों सा उत्कर्ष चित्तवन चेतन,
चित्त निरंतर सुंदर सुशील विचार हिलोर स्पंदन;
अविरल कुसुमित- पुलकित सा अतल चितवन,
पंछी की मधुर - मृदुल चहक हूक सी अंतर्मन।
अंबर भोर सुहानी केसरी ...