शीर्षक - क़िस्मत चमकाओ।
शीर्षक - क़िस्मत चमकाओ।
उठो चलो मंजिल की ओर जाओ।
घिसो एड़ियाँ क़िस्मत चमकाओ।
पसीने की बहादो सैलाब समंदर,
छिपा ज़ुनून निकाल बाहर लाओ।
भरलो बोतल में हौसले की बूँद,
रास्ते से एक गहरी दोस्ती बनाओ।
ऊँची रखो सोच रहो बेख़ौफ़ में,
ख़्वाब को दो पँख ख़ुदको उड़ाओ।
क़िस्मत की बनेगी लक़ीर हाथ पे,
आग मेहनत की ख़ुदमें जलाओ।
मंजिल नज़दीक आँखों...
उठो चलो मंजिल की ओर जाओ।
घिसो एड़ियाँ क़िस्मत चमकाओ।
पसीने की बहादो सैलाब समंदर,
छिपा ज़ुनून निकाल बाहर लाओ।
भरलो बोतल में हौसले की बूँद,
रास्ते से एक गहरी दोस्ती बनाओ।
ऊँची रखो सोच रहो बेख़ौफ़ में,
ख़्वाब को दो पँख ख़ुदको उड़ाओ।
क़िस्मत की बनेगी लक़ीर हाथ पे,
आग मेहनत की ख़ुदमें जलाओ।
मंजिल नज़दीक आँखों...