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गौरी पुत्र – गणेश ( भाग २)
धनदेवता कुबेर का घमंड चूर किया,
बप्पा ने उनके घर भोजन भरपूर किया!

बालरूप में ऋषि अगस्त्या का कमंडल लिया,
और दक्षिण भारत में कावेरी का निर्माण किया!

जब आई पृथ्वी के चक्कर लगाने की बारी,
शिवगौरा की परिक्रमा कर बने बुद्धि (wisdom) के अधिकारी!

देवी की संतुष्टि के लिए शिव से वरदान मिला,
सभी देवताओं में सबसे पहले पूजे जाने का आशिर्वाद मिला!

वेद व्यास जी के कहने पर लेखन कार्य आरंभ किया,
बिना रुके एक दंत गवांकर महाभारत का निर्माण किया!

ऐसे है हमारे सिद्धिविनायक एकदंत,
प्रथम वंदन है तुमको हे दयावंत!


© pritz