✍🏾🥀 बोझ है कितना 🥀✍🏾
मुझे भी अकेले तन्हा रातें बितानी है आती
गूंगा तो नहीं हूं औरों जैसे मुझे भी बातें बनानी है आती ।।
ये बात सच है लेकिन मैं बताना भी नहीं चाहता
लेकिन जो झूठ से हो शुरू वो रिश्ता बनाना नहीं मैं चाहता ।।
बोलना पसंद नहीं ज्यादा मुझ को अब मैं खामोश रहता...
गूंगा तो नहीं हूं औरों जैसे मुझे भी बातें बनानी है आती ।।
ये बात सच है लेकिन मैं बताना भी नहीं चाहता
लेकिन जो झूठ से हो शुरू वो रिश्ता बनाना नहीं मैं चाहता ।।
बोलना पसंद नहीं ज्यादा मुझ को अब मैं खामोश रहता...