चढ़ो ऊंचाई ही हरदम,ये हर वक्त नहीं जरूरी
ढलान पर पैर जमाओ
उतरना अभी जरूरी है
तुम चढ़ो ऊंचाई ही हरदम
ये हर वक्त नहीं जरूरी है
पर्वत होगा ऊंचा जितना
उतनी गहरी खाई भी जरूरी है
घाटी को राह बनाना तुम
उनमें बस पर्वत भर की दूरी है...
उतरना अभी जरूरी है
तुम चढ़ो ऊंचाई ही हरदम
ये हर वक्त नहीं जरूरी है
पर्वत होगा ऊंचा जितना
उतनी गहरी खाई भी जरूरी है
घाटी को राह बनाना तुम
उनमें बस पर्वत भर की दूरी है...