...

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तुझमे ही मैं हर ख्वाब देखता हूँ
कितनी परछाइयाँ उभरती है
जब मैं तुम्हे देखता हूँ
तुम्हारे नज़र में
अपने ख़्वाबों को देखता हूँ
तू इश्क़ है मेरा
तुझमे हर वो प्यार देखता हूँ
तू ही वो शख़्स है
जिसमे मैं अपना जहाँ देखता हूँ
© Bhanu