यार तुम बदल गयी....
यार तुम बदल गयी हो अब....
मैं पेड़ नहीं जो बदल गई,
कुछ दिन टूटी फिर संभाल गई,
रो कर पूछ "तुम" कैसे हो,
फिर लिपटी रोती और पिघल गई,
वो जालिम सा फिर खड़ा रहा,
एक शब्द ना बोला अड़ा रहा,
मैं रोते रोते भूल गई,
उसके माथे को चूम गई,
वो जिद्दी सा ना बोल सका,
पर फिर पूछा "तुम कैसी हो "
मैं पेड़ नहीं जो बदल गई,
कुछ दिन टूटी फिर संभाल गई,
रो कर पूछ "तुम" कैसे हो,
फिर लिपटी रोती और पिघल गई,
वो जालिम सा फिर खड़ा रहा,
एक शब्द ना बोला अड़ा रहा,
मैं रोते रोते भूल गई,
उसके माथे को चूम गई,
वो जिद्दी सा ना बोल सका,
पर फिर पूछा "तुम कैसी हो "