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तेरी सुगंध
#PersonifiedNature
तेरी सुगंध जब पास मेरे आती है !
अंग अंग में कई राज छोड़ जाती है !!
ढूंढता रहता हूँ इर्द गिर्द राहों में !
तुम तो जाकर बैठी हो किसी के पनाहों में !!
रंग और रूप की तू एक अजीब रानी है!
तेरे लिए मेरे दिल में बहुत प्रेम कहानी है !!
तु जिस दिन मिल जाए तुम्हारा हो जाऊँ मैं !
तेरी सुगंध को छोड़कर भला कहाँ जाऊँ मैं !!
तुम इस नजारों की नज़रों में बस गई हो ऐसे !
तुम्हें हर कोई देखना चाहता हो प्यार से जैसे !!
दिल कि बात दिल तक हीं उतर जाए तो !
प्यार का रंग है तु सुगंध बनकर आए तो !!
© ✍️ विश्वकर्मा जी
तेरी सुगंध जब पास मेरे आती है !
अंग अंग में कई राज छोड़ जाती है !!
ढूंढता रहता हूँ इर्द गिर्द राहों में !
तुम तो जाकर बैठी हो किसी के पनाहों में !!
रंग और रूप की तू एक अजीब रानी है!
तेरे लिए मेरे दिल में बहुत प्रेम कहानी है !!
तु जिस दिन मिल जाए तुम्हारा हो जाऊँ मैं !
तेरी सुगंध को छोड़कर भला कहाँ जाऊँ मैं !!
तुम इस नजारों की नज़रों में बस गई हो ऐसे !
तुम्हें हर कोई देखना चाहता हो प्यार से जैसे !!
दिल कि बात दिल तक हीं उतर जाए तो !
प्यार का रंग है तु सुगंध बनकर आए तो !!
© ✍️ विश्वकर्मा जी
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