वक्त वक्त की बात है कौन किसके साथ है
वक्त वक्त की बात है यहां कौन अब किसके साथ है....
बस यही तो बात है किसके अब ज़िंदा एहसास है....
कौन किसको भूल गया और कौन किसको याद है ...
मुर्दा मुर्दा क्यों जज़्बात है क्या यूं भूल जाना इतना ही आसान है....
कहने वाले कहते रहते मगर तू ही बता तेरा क्या हाल है....
ज़िंदगी तो बस एक उलझा हुआ जाल है इस से बचने वाला ही क्या असल में खुशहाल है....
कहने को तो सबके संग लगे हुए बहुत से इम्तेहान है....
फिर भी देने वाले इनको अगले पल से रहते अंजान है .....
मौत किसी की सगी नही फिर भी जीना क्यों इतना मुहाल है....
वक्त वक्त की बात है अख़्तर कौन यहां ता उम्र किसके साथ है .....
© sydakhtrr
बस यही तो बात है किसके अब ज़िंदा एहसास है....
कौन किसको भूल गया और कौन किसको याद है ...
मुर्दा मुर्दा क्यों जज़्बात है क्या यूं भूल जाना इतना ही आसान है....
कहने वाले कहते रहते मगर तू ही बता तेरा क्या हाल है....
ज़िंदगी तो बस एक उलझा हुआ जाल है इस से बचने वाला ही क्या असल में खुशहाल है....
कहने को तो सबके संग लगे हुए बहुत से इम्तेहान है....
फिर भी देने वाले इनको अगले पल से रहते अंजान है .....
मौत किसी की सगी नही फिर भी जीना क्यों इतना मुहाल है....
वक्त वक्त की बात है अख़्तर कौन यहां ता उम्र किसके साथ है .....
© sydakhtrr