कवि और कविता
मुझे ढूंढ रही हो....!
ओह,पर मैं मिलूंगा तुम्हें,
अपनी कविताओं में।
पर मैं मिलूंगा तुम्हें,
अपनी कहानियों में।
किसी पात्र या दृश्य के बीच में
बैठा रहूंगा मैं।
मगर, मुझसे मिलकर क्या करोगी?
क्या मेरी कविताओं को पढ़ने
और सहेजने के लिए तुम्हारे पास
वक्त है!
कभी...
ओह,पर मैं मिलूंगा तुम्हें,
अपनी कविताओं में।
पर मैं मिलूंगा तुम्हें,
अपनी कहानियों में।
किसी पात्र या दृश्य के बीच में
बैठा रहूंगा मैं।
मगर, मुझसे मिलकर क्या करोगी?
क्या मेरी कविताओं को पढ़ने
और सहेजने के लिए तुम्हारे पास
वक्त है!
कभी...