...

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मेरी धड़कन
बहाने ढूंढता हूं बात करने को तुझसे
फिर भी न जाने क्यों तू आंखे चुराता है मुझसे
मुझसे है कोई शिकायत या शिकवा है खुद से
तेरी आंखों मे तेरे दिल का हाल दिखता है
तू भी मुझे मेरी तरह बेहाल दिखता है

तू वो चांद है जिसको मैं पाना नही चाहता
पर तुझे देखने का एक भी मौका गवाना नही चाहता

तुझे दूर से चाहना मंजूर है मुझे
मेरी इस इबादत पर गुरुर है मुझे

तुझे अपनी शायरी में बसा के रखूंगा
चांद सा है तुझे तेरी चांदनी से नही
मै खुद को जमी बना के रखूंगा तुझे