...

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महंगाई
#दमड़ी
चमड़ी रगड़ करता है
दमड़ी रंग भरता है
भाव महंग करता है

पैसे का मोल हमेशा बढ़ता है
चलता घोड़ा कहा अकड़ता है
जलता मोम ही तो पिघलता है

फर्क उन्हें पढ़ता है
जो निज स्वार्थ के
हित में काम न करता है
ईमानदारी की चादर होढ़कर
जो दर दर भटकता है

चमड़ी रगड़ करता है
दमड़ी रंग भरता है
भाव महंग करता है


© shivani jain