periods
ये लाल रक्त का दाग नहीं मेरे स्त्री होने का अभिमान हैं
दे सकू माँस के टुकड़े को जीवन ये मेरा किरदार हैं
मैंने अपनी जिंदगी के हर महिने में दर्द से गुजारे पांच दिन हैं
करते हो जिस दाग से घिन होती ना उजागर में जिसकी बात हैं
मिलता हैं उससे ही जीवन तुमको फ़िर क्यों दुनिया उसी पर शर्मसार हैं
ये लाल रक्त का दाग नहीं मेरे स्त्री होने का अभिमान हैं
दे सकू माँस के टुकड़े को जीवन ये मेरा किरदार हैं
झेलती हूँ इस वजह से जिल्लत मिलता ना मुझको सम्मान हैं
फ़िर भी सब चुप चाप सहन करु मिला मुझे ये वरदान हैं
उन दिनों रखे मुझे हजारों बंदिशो में ये समाज का एक रुप हैं
पर कामाख्या देवी के इस रुप की करे ये पुजा तो ये इनके संस्कार हैं
उन दिनों में जो मुझे सहना पड़ता असहनीय वो दर्द हैं
सह कर दर्द किसी पर जाहिर ना होने दू ये मेरा अवतार हैं
ये लाल रक्त का दाग नहीं मेरे स्त्री होने का अभिमान हैं
दे सकू माँस के टुकड़े को जीवन ये मेरा किरदार हैं...
दे सकू माँस के टुकड़े को जीवन ये मेरा किरदार हैं
मैंने अपनी जिंदगी के हर महिने में दर्द से गुजारे पांच दिन हैं
करते हो जिस दाग से घिन होती ना उजागर में जिसकी बात हैं
मिलता हैं उससे ही जीवन तुमको फ़िर क्यों दुनिया उसी पर शर्मसार हैं
ये लाल रक्त का दाग नहीं मेरे स्त्री होने का अभिमान हैं
दे सकू माँस के टुकड़े को जीवन ये मेरा किरदार हैं
झेलती हूँ इस वजह से जिल्लत मिलता ना मुझको सम्मान हैं
फ़िर भी सब चुप चाप सहन करु मिला मुझे ये वरदान हैं
उन दिनों रखे मुझे हजारों बंदिशो में ये समाज का एक रुप हैं
पर कामाख्या देवी के इस रुप की करे ये पुजा तो ये इनके संस्कार हैं
उन दिनों में जो मुझे सहना पड़ता असहनीय वो दर्द हैं
सह कर दर्द किसी पर जाहिर ना होने दू ये मेरा अवतार हैं
ये लाल रक्त का दाग नहीं मेरे स्त्री होने का अभिमान हैं
दे सकू माँस के टुकड़े को जीवन ये मेरा किरदार हैं...