...

3 views

हे प्रभु
हे प्रभु

कितनी प्यारी सूरत तेरी
भाव में मैं तो बह गया हूं
चलते फिरते तुझे निहारूँ, जानें क्या-क्या कर गया हूं।।

पूजा तप भी कुछ न जानूं
न ढोंग आडंबर करता हूं
भक्ति की तेरी राह पे जैसे, निश्चित होकर बढ़ गया हूं।।

राम पुकारूँ हनुमान पुकारूँ
बस ध्यान तुम्हारा करता हूं
आंखों में तेरी झलक देखकर, राम नाम मैं जपता हूं।।

नाम भी भुला दाम भूला
सब अर्पण तुझको कर गया हूं
स्वीकर करों या ठुकरा दो अब, चरण में प्रभु गिर गया हूं।।

कितनी प्यारी सूरत तेरी
भाव में मैं तो बह गया हूं
चलते फिरते तुझे निहारूँ, जानें क्या-क्या कर गया हूं।।