तुम वही रहोगी
आंखो की भृकुटी
सांभालों या मन को
मनुहार कर लो तुम ;
मेरे लिए तुम वही
रहोगी, या लाख
श्रृंगार कर लो तुम
प्रेम तुमसे है और
तुमसे ही रहेगा या
कंवारा...
सांभालों या मन को
मनुहार कर लो तुम ;
मेरे लिए तुम वही
रहोगी, या लाख
श्रृंगार कर लो तुम
प्रेम तुमसे है और
तुमसे ही रहेगा या
कंवारा...