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रामायण
मेरी इस कविता का उद्देश्य किसी को ठेस पहुचना नही हैं। ये सिर्फ मेरे व्यतिगत सुझाव हैं जो मैं एक कविता के रूप में लिख रही हूँ

रामायण भी क्या खूब लिखी थी
रावण की मर्यादा छोड़ राम की महानता दिखाई थी
जिस सीता के लिए राम ने रामायण रचाई थी
उसी का वो साथ न दे पाए थे।
भाई के साथ छल करने पर बाली का वध किया
पर दूसरी ओर रावण के भाई विभीषण को शरण में लिया
अपने भाई के आहत होने पर संजीवनी बूटी मंगवाई,
पर उस मासूम सेना के जवानों ने बेमतलब अपनी जान गवाई
रावण ने तो बहन के अपमान का बदला लेने केलिए सीता हरन किया
पर राम सीता के सम्मान के लिए अपनी प्रजा से तक न लड़ पाए
विरह भले ही राम ने भी भोगा हो पर,
आश्रम में कठिन जीवन सीता ने बिताया,
कहते हैं राम को पुरुषोत्तम, पर वही अपनी पत्नी का सम्मान ना कर पाया
रामायण ने एक चीज़ बहुत खूब सिखलाया
नारी का सम्मान, खुद नारी को ही करना हैं
क्योंकि ये मतलब की दुनिया हैं।