कवि
मैं शब्दों से खेलता हूँ,
उन अंधेरी रातों में भी एक नया सवेरा देखता हूँ॥
चाहूँ तो कलम से कहर ला...
उन अंधेरी रातों में भी एक नया सवेरा देखता हूँ॥
चाहूँ तो कलम से कहर ला...