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अरसों के बाद...
बरसों के बाद
चमन में कुछ फूल खिले हैं
अरसों के बाद
मेरी झोपड़ में दीए जले हैं
दशकों से जहां
कोई चिंगारी तक नहीं दहकी
आज वहां बिन मौसम ही
सब तीज त्यौहार मने हैं
बिन रूह के
जैसे लिखने वाले
एक अदने से शायर को
आज बुल्ले शाह मिले हैं
© Pooja Arora
#writco #writcoapp #writcohindi #Life&Life #newbeginning #writcopoem
pic credit: Google
चमन में कुछ फूल खिले हैं
अरसों के बाद
मेरी झोपड़ में दीए जले हैं
दशकों से जहां
कोई चिंगारी तक नहीं दहकी
आज वहां बिन मौसम ही
सब तीज त्यौहार मने हैं
बिन रूह के
जैसे लिखने वाले
एक अदने से शायर को
आज बुल्ले शाह मिले हैं
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