" सहारा "
जीवन रूपी इस नैया का,
यह खेल बड़ा निराला है।
खेलने को तो सब तैयार,
देता नहीं कोई सहारा है।।
मानवता की अलख जगाये,
दुखी जनों का बनों सहारा ।
कुटिलताओं को दूर भगाये,
जीवन होगा सफल हमारा ।।
मानवता...
यह खेल बड़ा निराला है।
खेलने को तो सब तैयार,
देता नहीं कोई सहारा है।।
मानवता की अलख जगाये,
दुखी जनों का बनों सहारा ।
कुटिलताओं को दूर भगाये,
जीवन होगा सफल हमारा ।।
मानवता...