आशा
कभी न कभी तो मुलाकात होगी
यहाँ मिल सके न वहाँ बात होगी
तुम बस आती रहो ख्यालों में मेरे
शबनमीं फर्श पर चांदनी रात होगी
मिलेंगी भी खुशियाँ मुकद्दर को अपने
मुझे यक़ीन है खुदा की करामात होगी
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यहाँ मिल सके न वहाँ बात होगी
तुम बस आती रहो ख्यालों में मेरे
शबनमीं फर्श पर चांदनी रात होगी
मिलेंगी भी खुशियाँ मुकद्दर को अपने
मुझे यक़ीन है खुदा की करामात होगी
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