तेरे साथ...
तेरी हर बात का ज़िक्र, शामिल हैं मेरी हर बात में,
तू मेरे पास ना हों, पर रहता हैं हर पल मेरे साथ में !
तेरा दिया वो पहला और आख़िरी गुलाब आज भी,
सम्भाल कर रखा हैं मैंने, अपनी इश्क़-ए-किताब में !!
रोज़. माना करता हूँ, और रोज़ चलें आते हैं बेशर्म,
तेरे...
तू मेरे पास ना हों, पर रहता हैं हर पल मेरे साथ में !
तेरा दिया वो पहला और आख़िरी गुलाब आज भी,
सम्भाल कर रखा हैं मैंने, अपनी इश्क़-ए-किताब में !!
रोज़. माना करता हूँ, और रोज़ चलें आते हैं बेशर्म,
तेरे...