प्रश्न!
प्रश्न...
जीवन में वक्त,
रेत सा फिसल जाता है
दिन–रात सुबह–शाम हर पल,
लम्हा–लम्हा गुजर जाता है
सोचने को हो जाते मजबूर,
तभी तो...
जीवन में वक्त,
रेत सा फिसल जाता है
दिन–रात सुबह–शाम हर पल,
लम्हा–लम्हा गुजर जाता है
सोचने को हो जाते मजबूर,
तभी तो...