स्त्री तुम कब से कमजोर हो गई
स्त्री तुम कब से कमजोर हो गई कि तुम्हें ,
अपनी बातें कहने के लिए लोगों की जरूरत होने लगी।
मैं तो जानती हूं स्त्री के उस स्वरूप को जिसमे स्त्री अपने पति को सिर्फ इसलिए मौत के घाट उतार देती थी, क्योंकि वह देश से पहले अपनी खुशियों को समझता था।
जो...
अपनी बातें कहने के लिए लोगों की जरूरत होने लगी।
मैं तो जानती हूं स्त्री के उस स्वरूप को जिसमे स्त्री अपने पति को सिर्फ इसलिए मौत के घाट उतार देती थी, क्योंकि वह देश से पहले अपनी खुशियों को समझता था।
जो...