...

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अल्विदा का सफर
वादा किया हैं तुमने, आशिक़ी का सफ़र रहे न रहे,
तन्हाई के सफ़र में, तेरी यादें सजी रहे न रहे।

चाहा था कि बन जाएं हम, तेरी हर ख्वाब की ताबिर,
पर किस्मत की लकीरों में, हमारा नाम लिखी रहे न रहे।

दिल की हर धड़कन में तेरा नाम गूंज रहा है,
क्या पता कब तक ये धड़कन, तेरे बिना थामी रहे न रहे।

वफ़ा का इरादा था हमें, मगर तू भूल गया,
कहाँ हैं वो वादे, जिनमें तेरा हाथ थामे रहे न रहे।

हर मुस्कान में तेरी खुशी, हर आहट...