दिल किसी से
दुश्मनी इस तरह निभायेगा ।
वो तेरी हाँ में हाँ मिलायेगा ।।
पहचान उसको तू न पायेगा ।
वो तुझे मात दे ही जायेगा ।।
कर गई घर जो दूरियाँ दिल में ।
फ़ासले कैसे तू मिटायेगा ।।
टूट जायेगा कांच की मानिंद ।
दिल किसी से अगर लगायेगा ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद
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वो तेरी हाँ में हाँ मिलायेगा ।।
पहचान उसको तू न पायेगा ।
वो तुझे मात दे ही जायेगा ।।
कर गई घर जो दूरियाँ दिल में ।
फ़ासले कैसे तू मिटायेगा ।।
टूट जायेगा कांच की मानिंद ।
दिल किसी से अगर लगायेगा ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद
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