...

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चाहत...
समझ सको हाल ए दिल तो बात ही क्या थी,
हमे खुद को यू साबित करने की वजह ना थी,

ना जाने कैसे तेरे दिल में ये एहसास जागा है,
तुझे लगता है ये चाहत बस एक दिखावा है,

किया है वादा ये ज़िंदगी भर निभाऊंगा,
तू हो जहां में कही भी तेरा साया बन के आऊंगा।

नही है ख्वाइश तुझे पाने की ये आज बात करता हूं,
ये तेरी बेपनेहा मोहब्बत का में कदरदान देता हूं।

गलती तेरी कभी न थी कुछ मेरी ही कमी रही होगी,
उस खुदा को मेरी चाहत से खुशी न रही होगी ।

मुझे मंजूर है वो सब जो भी हो फैसला तेरा,
गुन्हेगार हूं मोहब्बत में सहूंगा जुल्म भीं तेरा।

ना कोई हमसे शिकवा कर यही चाहत अब बाकी है,
मेरे लिए तेरी चाहत की वो यादें ही काफी है।...✍️
© VJ