...

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सांझ
#सांझ
सांझ को फ़िर निमंत्रण मिला है
दोपहर कल के लिए निकला है
अब उठो तुम है इंतजार किसका
मेरा हौसला झूम कर निकला है

किसका डर किसका भय है
होगा वही जो प्रारब्ध में तय है
अपार इच्छाशक्ति के स्वामी तुम
ईश्वर के संज्ञान में हर शय है

इस कालरात्री को लील जाओ
प्रकाश पुंज से खिल जाओ
रटो नाम महादेव का तुम
अन्त में ब्रह्म में मिल जाओ



© suneeta14