उत्थान या पतन?
© Nand Gopal Agnihotri
#नमन मंच
#ता ४/११/२०२४
#मेरीबात मेरे जज्बात
# उत्थान या पतन
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प्रहरी सेवक अभिभावक से,याचक बन करते इंतजार।
इस जीवन के रंग हजार।।
अब पढ़े-लिखे सम्पन्न हुए, पहले थोड़े से थे गंवार।
तब संगठित अब बिखरे परिवार,
पच्छिम की आंधी जोरदार, सभ्यता संस्कृति तार-तार।।
पहले होता एक मुख्य द्वार,अब घर-घर में हैं चार द्वार।
धोती साड़ी...