हर कोई
कोई तन दुखी,कोई मन दुखी
कोई होत परिवार होए निराश
कोई बिन परिवार है उदास
कोई है मुकदमे में फसा
किसी के सिर मढ़ा है झूठा इल्ज़ाम
कोई प्यार से है परेशान
कोई प्यार करने वाले से निराश
कोई सफल होकर भी फरियाद करे
कोई असफल हो बैठा बदहवास,
राह दिखाना सबको भगवन
हैं नादान हम
नहीं जानते ,
तेरी बनाई दुनियादारी के अंदाज़ को।
कोई होत परिवार होए निराश
कोई बिन परिवार है उदास
कोई है मुकदमे में फसा
किसी के सिर मढ़ा है झूठा इल्ज़ाम
कोई प्यार से है परेशान
कोई प्यार करने वाले से निराश
कोई सफल होकर भी फरियाद करे
कोई असफल हो बैठा बदहवास,
राह दिखाना सबको भगवन
हैं नादान हम
नहीं जानते ,
तेरी बनाई दुनियादारी के अंदाज़ को।