...

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तड़पाना छोड़ दे।
ग़म बनाने वाले तू ग़म बनाना छोड़ दे।
फ़ूल से राहों में कांटे बिछाना छोड़ दे।

मनमुटाव से जख्म दिख जाए अगर!
ज़ख्मों पे तू नमक छिड़कना छोड़ दे।

रास्ते हो कटिंग चलना हो मुश्किल!
हमें मुश्किलों में तू तड़पाना छोड़ दे।

बहुत मासूम, बहुत नादान हैं हम सभी!
अपनों को तू अपनों से लड़ाना छोड़ दे।

मोहब्बत से चलती है खूबसूरत दुनियां!
मोहब्बत में तू नफरत मिलाना छोड़ दे।

छोड़ दे हाल पे हमारे, है जीना, छोड़ दे।
ए ग़म बनाने वाले तू ग़म बनाना छोड़ दे।
© महज़