...

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शोहरत
मुलाकात ऊपर
ज़मीं पे झमेला ।
सारा फंसाना यहीं
रह जायेगा ।
तबीयत जरा सा
जब नासाज़ होगी ।
खैरियत कभी कोई
हमराज ही पूछेगा ।
दौलत चाहे कितनी कमा लो
शोहरत मिलेगी
महबूब के कदमों में आकर ।