heer se dosti
यूं रख कर क़ैद मेरे दिल को
में दोस्ती का हाथ और नहीं बढ़ा सकता
हीर से जुदा होकर
ये दोस्ती का जहर ये रांझा
खुदको और नहीं पिला सकता
आंखों में आशिकी लिए
इन लब्जो से
तुझे...
में दोस्ती का हाथ और नहीं बढ़ा सकता
हीर से जुदा होकर
ये दोस्ती का जहर ये रांझा
खुदको और नहीं पिला सकता
आंखों में आशिकी लिए
इन लब्जो से
तुझे...